किस्सा कुर्सी का- राजनीतिक रूप से कुछ भी नहीं बदला राजस्थान में लेकिन कोरोना ने फिर से पटका

New Delhi : पिछले लगभग 20 दिनों से राजस्थान में सियासी नाटक चल रहा है। रोज कोई न कोई राजनीतिक उठापटक सामने आ रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विपक्ष में बैठी भाजपा पर षडयंत्र रचने का आरोप लगा रहे हैं। गहलोत लगातार इस बात पर जोर दे रहे हैं कि राज्यपाल जल्द से जल्द विधानसभा सत्र बुलाए ताकि वो अपनी सरकार को सुरक्षित रखने के लिए बहुमत साबित कर सकें । लेकिन राज्यपाल कलराज मिश्र इसे कोरोना के तहत टालने की बात कह रहे हैं। अब तनानती इसी पर जारी है।

14 जुलाई को लंबे ड्रामें के बाद सचिन पायलट को राज्य के उपमुख्यमंत्री और अध्यक्ष पद से हटा दिया गया। साथ ही उनके साथी विधायकों पर भी पार्टी ने कार्रवाई करते हुए उन्हें भी उनके पदों से हटा दिया। इससे पहले सचिन पायलट ने बागी तेवर दिखाते हुए कहा था कि कांग्रेस में उनका सम्मान खत्म होता जा रहा है। जिसके बाद वो दिल्ली में कांग्रेस के 22 विधायकों संग पाए गए। जिसके बाद सरकार गिरने का खतरा पैदा हो गया।
इसके बाद राज्य के विधानसभा अध्यक्ष द्वारा सचिन पायलट समेत उनके गुट के 22 विधायकों को दलबदल कानून के तहत नोटिस दिया गया। कांग्रेस ने शिकायत में कहा था कि विधायकों ने पिछले हफ्ते बुलाई गई कांग्रेस विधायक दल की बैठक के लिये जारी ह्विप का उल्लंघन किया था। कांग्रेस ने पायलट और अन्य असंतुष्ट विधायकों के खिलाफ संविधान की 10वीं अनुसूची के पैराग्राफ 2(1)(ए) के तहत कार्रवाई की मांग की थी। लेकिन राजस्थान हाई कोर्ट ने इस पायलट खेमे को राहत देते हुए इस पर शुक्रवार तक कोई भी कार्रवाई करने से मना कर दिया है।
अगर सियासी समीकरण को देखें तो सीएम अशोक गहलोत के पास 100 से ज्यादा विधायक हैं तो वहीं सचिन पायलट के पास सिर्फ 22 विधायक हैं ऐसे में पलड़ा सीएम अशोक गहलोत का ज्यादा भारी है। लेकिन सचिन पायलट जहां बीजेपी में जाने से इनकार रहे हैं तो वहीं कांग्रेस में वह अपनी संभावनाओं को खत्म भी नहीं करना चाहते हैं।

 

वर्तमान समय की बात करें तो अब गहलोत जल्द से जल्द विधानसभा सत्र बुलाना चाहते हैं। जिसके लिए वो राज्यपाल पर दबाव बना रहे हैं। गहलोत सत्र बुलाकर अपना बहुमत साबित करने की बात कर रहे हैं। वो लगातार कह रहे हैं कि उनके पास बहुमत है जिसे सिद्ध करने का मौका दिया जाए। इस बात के लिए अब राज्यपाल और गहलोत के बीच पिछले 4-5 दिनों से घमासान जारी है।

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