प्रियंका चोपड़ा भी बोलीं – सोनू सूद तुम्हारे जैसा कोई नहीं है, मुझे आप पर गर्व महसूस हो रहा है

New Delhi : हॉलीवुड एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा ने कहा है- सोनू सूद तुम्हारे जैसा कोई नहीं है। उन्होंने गरीबों के मसीहा सोनू सूद की तारीफ करते हुये कहा कि आपको गरीबों की इस तरह से मदद करते देखना बहुत अच्छा लगता है। प्रियंका चोपड़ा ने ट‍्वीट कर उनकी तारीफ की। इस तारीफ के जवाब में सोनू सूद ने भी उनका शुक्रिया अदा किया। यह पहली बाद नहीं है जब किसी इंटरनेशनल फेम सेलेब्रिटी न उनकी तारीफ की हो।

प्रियंका चोपड़ा ने ट‍्वीट किया- लॉकडाउन में बहुत बड़ी संख्या में जरूरतमंदों को उनके घर पहुंचाने में मदद करने के बाद सोनू सूद ने आंध्र प्रदेश में पैसे के अभाव में खेत जोत रही लड़कियों के घर ट्रैक्टर पहुंचा दिया है। यह शानदार प्रयास है। मुझे सोनू सूद पर गर्व महसूस हो रहा है। प्रियंका चोपड़ा के इस ट‍्वीट पर सोनू सूद ने रीट‍्वीट कर कहा- मेरा मनोबल बढ़ाने के लिये आपका धन्यवाद प्रियंका चोपड़ा। यह मेरे लिये बहुत मायने रखता है।

सोनू सूद ने दो बहनों को पिता के लिये बैल की जगह जुतते हुये देख ट्रैक्टर देकर मदद की। सोनू ने आंध्र प्रदेश के एक गरीब किसान परिवार को ट्रेक्टर गिफ्ट की। पिछले दिनों इस परिवार की दो बेटियों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर हो रहा था जिसमें वे अपने कंधों पर हल रखकर खेत जोतती नजर आ रहीं थीं। वीडियो को देखकर सभी ने सहानुभूति दिखाई लेकिन मदद का हाथ सबसे पहले सोनू सूद ने बढ़ाया।
वायरल हो रही वीडियो को शेयर करते हुए सोनू ने ट्विटर पर कहा इस परिवार को एक जोड़ी बैल नहीं बल्कि ट्रेक्टर दिया जाना चाहिए। इन दोनों बेटियों को अभी पढ़ने दो। उन्होंने कहा कि कल शाम तक उनका खेत एक ट्रेक्टर जोत रहा होगा। वीडियो में नागेश्वर राव और उनकी पत्नी ललिता अपनी बेटियों के साथ टमाटर की फसल के लिए बीज बोते हुये दिखाई दे हैं।

खेत जोत रही लड़कियों का नाम वेनेला और चंदना है। वे अपने परिवार के साथ आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में रहती हैं। उनके पिता नागेश्वर राव, जो पिछले 20 वर्षों से मदनपल्ले मंडल में एक चाय की दुकान चलाते थे, लॉकडाउन के बाद उन्हें काम न मिल पाने से अपने पैतृक गाँव राजुवरिपल्ले में खेती करने के लिए आना पड़ा क्योंकि इसके अलावा उनके पास दूसरा कोई विकल्प नहीं था।
मदद और रहमदिली की इसी कड़ी में सोनू सूद ने तेलंगाना के तीन बच्चों के भरण-पोषण का बीड़ा उठाया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर इन अनाथ बच्चों की कहानी पढ़ने के बाद बच्चों की देखरेख का फैसला लिया। तेलंगाना के यदाद्री भुवनगिरी जिले के तीन बच्चों ने अपने माता पिता को खो दिया। इन 3 बच्चों की देखभाल के लिये कोई खड़ा नहीं हुआ। तीनों में जो सबसे बड़ा भाई है उसने देखरेख शुरू की। उन्हें समझ में आ गया था कि अब वे अनाथ हो गये हैं और उन्हें अपने ही पैरों पर खड़ा होना होगा। उनकी स्टोरी तेलंगना के स्थानीय न्यूज चैनल पर चली। इसके बाद उनकी मदद की अपील एक जर्नलिस्ट ने सोनू सूद से की और सोनू सूद ने झट से हां कर दी।

बहरहाल पूरी कहानी यह है कि तेलंगाना के भुवनगिरी जिले के यादाद्री के आत्मकुरु मंडल में सत्यनारायण और अनुराधा दंपति के तीन बच्चे हाल ही में अनाथ हो गये। इन्होंने अपने माता-पिता को खो दिया। बच्चों की कोई सुध लेने वाला तक नहीं। सत्यनारायण की एक साल पहले बीमारी से जान चली गई थी। तब से, माँ अनुराधा मजदूरी करके अपने तीनों बच्चों की परवरिश कर रही थी। एक सप्ताह पहले ही अनुराधा की बीमारी से जान चली गई थी। इन तीनों में बड़ा बेटा मनोहर अपनी बहन और छोटे भाई की किसी तरह देखभाल कर रहा है।

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